
बालिकाओं का सशक्त होना , सुंदर होने से ज्यादा जरूरी है
परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा गांव तोछीगढ़ में प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर बालिकाओं की मनोबल वृद्धि के लिए विचार गोष्ठी हुई । जिसमें प्रबुद्ध महिलाओं एवं स्कूली छात्राओं ने हिस्सा लिया । छात्राओं ने कल्पना को स्मरण कर सदैव लक्ष्य की ओर एवं देशहित में कार्य करने का संकल्प लिया । अध्यक्ष जतन चौधरी ने कहा कि भारत की हर बेटी को कल्पना चावला के संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । आज के दौर में बालिकाओं का सशक्त होना , सुंदर होने से ज्यादा जरूरी है । कल्पना ने दृढ़ इच्छा शक्ति से अपने इन वचनों ” मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी मैंने प्रत्येक पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए ही मरूंगी ” को सार्थक करके दिखाया था । उन्हें मरणोपरांत कांग्रेशनल अंतरिक्ष पदक से भी नवाजा गया था । इस अवसर पर सौरभ चौधरी , गुंजन चौधरी , पलक , समीक्षा , भूमि , भावना , रूबी , मनु , कुमकुम , खुशी , चेतना , सेजल , लक्ष्मी , साधना , कीर्ती , वैष्णवी आदि थे ।